बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में दीपक नाम का एक लड़का रहता था। वह निडर और बहादुर बालक था। दीपक की दादी हमेशा उसे एक जादुई गुफा के बारे में कहानियाँ सुनाती थीं। वह कहतीं, “उस गुफा में बहुत सारा खजाना छिपा है, लेकिन उसे पाने के लिए साहस और हिम्मत की जरूरत होती है।”
दीपक ने ठान लिया कि वह एक दिन उस जादुई गुफा का पता लगाकर रहेगा।
एक दिन, जब वह जंगल में लकड़ी काट रहा था, तो उसे एक बड़ा और अजीब सा पत्थर दिखा। पत्थर पर अजीब निशान बने हुए थे। दीपक ने ध्यान से देखा और तुरंत समझ गया कि यह वही निशान है जो उसकी दादी उसे जादुई गुफा की कहानी में सुनाती थी।
उसने गुफा के पत्थर को हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हिला भी नहीं। तभी उसे पत्थर पर कुछ शब्द दिखाई दिए:
“जो सच्चे दिल से आएगा, वही गुफा का दरवाजा खोल पाएगा।”
दीपक ने गहरी सांस ली और पूरे विश्वास के साथ पत्थर को छू लिया। अचानक, पत्थर हिलने लगा और उसके नीचे एक गुप्त दरवाजा दिखाई दिया।
दीपक जैसे ही गुफा के अंदर गया, उसने देखा कि गुफा रौशनी से बहुत चमक रही थी, लेकिन रास्ता बहुत डरावना था। और फिर गुफा के अंदर एक आवाज सुनाई दी, “अगर तुम खजाना चाहते हो, तो तीन चुनौतियों का सामना करना होगा।”
फिर एक बड़े कक्ष में दीपक के सामने तीन दरवाजे थे। और हर दरवाजे पर कुछ लिखा हुआ था :
- 1. पहले दरवाजे पर लिख था – मौत का दरवाजा
- 2. दूसरे दरवाजे पर लिख था – भ्रम का दरवाजा
- 3. और तीसरे दरवाजे पर लिखा था – सच्चाई का दरवाजा
दीपक ने सोचा और अपनी दादी की सिखाई बातों को याद किया:
“सच्चाई का रास्ता हमेशा सही होता है।”
उसने सच्चाई वाले दरवाजे को खोला और सुरक्षित अगले कमरे में पहुंच गया।
दूसरे कमरे में एक बहुत बड़ा अजगर था, जो आग उगल रहा था। आवाज फिर से गूंजी, “अगर तुम इसे शांत कर सको, तो आगे बढ़ सकते हो।”
फिर दीपक ने अपनी जेब में देखा। उसके पास दादी का दिया हुआ एक ताबीज था। उसने ताबीज निकालकर अजगर के सामने रखा। फिर अजगर ने आग उगलना बंद कर दिया और चुपचाप बैठ गया और रास्ता साफ हो गया।
तीसरे कमरे में दीपक को एक विशाल दर्पण दिखाई दिया। उसमें दीपक की परछाई दिख रही थी, लेकिन उस दर्पण में दीपक के अलग अलग चेहरे दिखाई दे रहे थे कभी गुस्से वाला, कभी हैरानी वाला, कभी ख़ुशी वाला, कभी डरावनी वाला, और कभी लालची वाला चेहरा दिखाई दे रहा था ।
आवाज फिर से सुनाई दी, “अगर तुम अपने असली चेहरे को पहचान लोगे, तो खजाना तुम्हारा हो जायेगा।” दीपक ने अपनी आँखें बंद कीं और अपने दिल से पूछा, “मैं कौन हूँ?”
उसके दिल ने जवाब दिया, “मैं एक बहादुर और ईमानदार लड़का हूँ, जो अपने गाँव और परिवार की भलाई के लिए यहाँ आया है।”
फिर जैसे ही उसने यह कहा, दर्पण टूट गया और उसके पीछे एक जादुई दरवाजा खुल गया।
दीपक ने दरवाजे के अंदर जाकर देखा तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गई उस गुफा में बहुत सारा सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात आदि भिखरे पड़े थे । लेकिन वहाँ एक पत्थर पर लिखा था:
“यह खजाना केवल जरूरत के अनुसार लो। लालच करने वाले सब कुछ खो देंगे।”
दीपक ने केवल उतना खजाना उठाया, जितना उसकी और उसके गाँव की जरूरत के लिए ठीक था। जब वह बाहर आया, तो गुफा का दरवाजा फिर से बंद हो गया।
दीपक खजाना लेकर गांव आ गया और उसने इस खजाने का इस्तेमाल गांव की भलाई के लिए किया और सब दीपक की बहादुरी की बहुत प्रशंशा करने लगे और अब तो दीपक पुरे गांव में प्रसिद् हो गया।
इस तरह दीपक ने अपनी बहादुरी से अपनी दादी और गांव वालो की गरीबी दूर की और सब ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे।